Vampire का रहस्य। क्या वैंपायर सच में होते हैं? Mystery of Vampires

Vampire+का+रहस्य

दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं जिनमें से कुछ वास्तविक होते हैं, तो कुछ काल्पनिक। जिनमें से कुछ प्रजातियां ऐसी भी है, जिन्हे ना वास्तविक कहा जा सकता है ना काल्पनिक। ऐसा इसलिए क्योंकि ना ही ऐसे लोगों के होने के कोई पुख्ता सबूत मिलते हैं और ना ही इन लोगों के अस्तित्व को पूरी तरह से झूटलाया जा सकता है। यह लोग इतने रहस्यमई होते हैं की इनके बारे में संपूर्ण ज्ञान किसी के पास नहीं होता। ऐसी प्रजातियों में से एक है Vampires (वैंपायर)। इन जीवों को भारत में पिशाच भी कहा जाता है। जिनका जिक्र इतिहास में भी मिलता है। यह लोग ना ही पूर्ण रूप से इंसान होते हैं और ना ही जानवर। यह लोग ना ही पूर्ण रूप से जीवित होते हैं और ना ही मरे हुए। दुनिया में वैंपायर से संबंधित कुछ बड़ी घटनाएं भी हो चुकी हैं। जिसकी वजह से इनका खौफ लोगों के मन में आज भी होता है।

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आज हम वैंपायर के कुछ सच्ची घटनाओं पर नजर डालेंगे जिन्हें जानकर आप हैरान हो जाओगे। तो चलिए जानते है की क्या Vampires सच में होते हैं या ये एक मात्र काल्पनिक कहानी है।

Vampires के प्रकार:-

दोस्तों, वैंपायर तीन प्रकार के होते हैं:-

पहले वो जो इंसानों की तरह ही जन्म लेते हैं लेकिन वो शैतान की पूजा करते हैं। यह रात में सक्रिय होते हैं और लोगों का खून पीते हैं। इन लोगों के पास कोई अलौकिक शक्तियां नहीं होती है। इन्हें खून पीने से ही ताकत मिलती है।

दूसरे वो जो मरने के बाद अपने शरीर के साथ ही जाग उठते हैं और अक्सर खून की तलाश में होते हैं। फिल्मों में अक्सर दूसरी श्रेणी के बैंपायर्स  को दर्शाया जाता है।

तीसरे तरह के बैंपायर्स वे होते हैं, जिनके पास शरीर नहीं होता। वे किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करके अंदर से ही उनका खून पीने लगते हैं और व्यक्ति की मौत हो जाती है। इन्हें भारत में पिशाच कहा जाता है। तीसरे तरह के बैंपायर्स को अक्सर तंत्र साधक अपनी तंत्र क्रियाओं और अनुष्ठानों द्वारा किसी की परेशानी दूर करने के लिए उन्हें उसके शरीर से बाहर निकालते हैं। पहले दो किस्म के बैंपायर्स के किस्से कम ही मिलते है। तीसरे किस्म के बैंपायर्स असल जिंदगी में बहुत आम है। यह एक प्रेत आत्मा है। जिनके किस्से अक्सर गांव में प्रचलित भी होते हैं।आज हम ऐसे ही कुछ बैंपायर्स के सच्ची घटनाओं के बारे में बात करेंगे।

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Elizabeth Bathory

Vampires की बात करें तो इसमें Elizabeth Bathory का नाम सबसे पहले आता है। इन्हें The Blood Countess के नाम से भी जाना जाता है। ये इतिहास की सबसे बड़ी Serial Killer मानी जाती है और इसे एक असली बैंपायर्स माना जाता है। Elizabeth का जन्म सन् 1560 में Hungary (हंगरी) में हुआ था। ये एक अमीर और संपन्न परिवार में जन्मी थी इसीलिए इसके पास शुरुआत से ही सुख सुविधाएं मौजूद थी। एलिजाबेथ काफी खूबसूरत थी और शुरुआत से ही उसे जवान बने रहने की इच्छा थी। एलिजाबेथ की शादी बेहद ही अमीर व्यक्ति से हुई। जो सन 1604 मृत्यु को प्राप्त हुआ। अब एलिजाबेथ सबसे अमीर और ताकतवर महिला बन गई। ये खबरें आना शुरू हुई केे महल में काम ढूंढने जाने वाली लड़कियां गायब होती जा रही हैं। एलिजाबेथ उन लड़कियों को प्रताड़ित किया करती थी। गर्म लोहे से उनके शरीर को जलाती और उनके शरीर को काटकर उनका खून पीती थी। महिलाओं को ठंडे पानी डालकर उन्हें बिना कपड़ों के छोड़ देती, जिसे ठंड के मारे उनकी जान निकल जाए। वह कुंवारी लड़कियों के खून से भी नहाती थी। एलिजाबेथ का मानना था कि ऐसा करने से वह हमेशा जवान बनी रह सकती है। 12 दिसंबर 1610 में एलिजाबेथ को उसके चार नौकरों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया, जो हर अपराध में उसके साथ थे। इस दौरान 300 चस्मदीद गवाहों ने ये बात कबूल की थी की एलिज़बेथ ने वो हत्याएं की है। गिरफ्तारी के समय एलिज़बेथ के महल में बंदी बनी लड़कियां और वीभत्स तरीके से मारे गए लोगों के शव मिले। एलिजाबेथ में 1590 से 1610 लोगों की ऐसे ही जान ली थी।

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यह समय है 1700 ईसवी का जब लोग बड़ी तादाद में वैंपायर्स का शिकार होने लगे थे। इस समय यूरोप में वैंपायर्स का नाम लेने से भी लोग डरते थे। सर्बिया मे एक किसान था। जिसका नाम पीटर था। पीटर को आस पास के लोग अच्छी तरह से जानते थे। अचानक एक दिन किसी अनजान बीमारी से पीटर की मौत हो जाती है। मृत्यु के 3 दिन बाद पीटर के बेटे ने बताया की पीटर रात में उससे खाना मांगने आया था। उसने पीटर को खाना दिया और वह खाना लेने के बाद वापस लौट गया। आसपास के लोगों को लगा के पीटर के मौत की सदमे की वजह से वो बच्चा ऐसी बातें कर रहा है। दूसरे दिन भी ऐसा ही कुछ हुआ लेकिन तीसरे दिन गांव वालों के परामर्श के अनुसार उस बच्चे ने पीटर को खाना देने से मना कर दिया और सुबह उस बच्चे की लाश गांव वालों को मिली। बच्चे का शरीर पूरी तरह सफेद पड़ चुका था। जांच करने पर यह पता चला कि उसके शरीर में खून की एक बूंद तक नहीं बची है। बच्चे के गले में दातों के दो निशान पाए गए। जिससे लोगों को पता चला की पीटर शायद एक वैंपायर बन चुका है। अब मौतों का सिलसिला चलता रहा और एक के बाद एक 9 लोगों की लाशें बिल्कुल ऐसी ही अवस्था में मिली। गांव वालों ने Vampires hunter (पिशाच शिकारी) का सहारा लिया। उस वैंपायर हंटर ने पुष्टि की, कि यह सभी मौतें वैंपायर के द्वारा ही की गई है। वैंपायर हंटर गांव वालों के साथ पीटर की कब्र तक पहुंचा। ताबूद खोलने पर पता चला की पीटर की लाश बिल्कुल ताजा थी। उसके बाल और नाखून बढ़े हुए थे। उसके मुंह और शर्ट पर ताजा खून लगा हुआ था और पीटर के मुंह के अंदर कबूतरों के पंख भी पाए गए थे। वैंपायर हंटर ने पीटर की छाती में छड़ी घुसा कर उसकी लाश को जला दिया और उसकी राख को चर्च के पास दफना दिया गया। उसके बाद पीटर के द्वारा की जाने वाली घटनाएं शांत हो गई।

सन 1985 में एक कार ड्राइवर को सुनसान सड़क पर एक लड़की लड़खड़ाते हुए मिली, जिसके हाथ बंधे हुए थे। वह ड्राइवर उस लड़की को अस्पताल ले गया। जहां उसका इलाज किया गया। उस लड़की ने बताया कि उसे किसी ने किडनैप किया और एक सुनसान घर में ले गया और उसने लड़की को बांध दिया और सुई से उसका खून निकाल कर एक बोतल में भरने लगा है और वो उस बोतल से खून पीकर कहीं बाहर चला गया। उसी समय मौका पाकर वह लड़की वहां से भाग निकली थी।

दोस्तों पहली श्रेणी के वैंपायर की समुदाय आज भी छोटे-छोटे ग्रुप्स में दुनिया की कई जगहों पर मौजूद है।अधिकतर वैंपायर के समुदाय को यूरोप, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। कुछ सालों पहले नेशनल ज्योग्राफिक चैनल पर पहली श्रेणी के वैंपायर के असली समुदाय को दिखाया गया था। Don Henry नाम के वैंपायर ने अपनी समुदाय के बारे में कई जानकारियां दी थी। हेनरी का कहना है के पहले के समय में वो लोग रात को शिकार करने के लिए निकलते थे लेकिन अब वो ऐसा नहीं करते। अब वह पैसे देकर या स्वेच्छा से ब्लड डोनेट करने वाले लोगों को से मिलकर उनका खून पीते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज की दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी मौजूद हैं, जिन्हें अपना खून वैंपायर को डोनेट करने में मजा आता है। इन्हें Black Swan कहा जाता है। हेनरी का कहना है कि कुछ वैंपायर ऐसे भी हैं जो आज भी रात में शिकार करते हैं लेकिन ऐसे लोगों को वो अपनी समुदाय से बाहर कर देते हैं।

दोस्तों वैंपायर कोई कल्पना नहीं बल्कि हमेशा से ही हमारे बीच रहते आए हैं। इनके ऊपर विश्वास करना और ना करना यह हमारा व्यक्तिगत मामला है।
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