Time Travel- ये विज्ञान की दुनिया की सबसे दिलचस्प और सबसे विवादास्पद topic मे से एक है। Time travel के ऊपर तो आपने बहुत सारे आर्टिकल और वीडियो मे पड़ा और देखा होगा। पर, इस आर्टिकल में आपको Time travel के बारे में सब कुछ पता चलने वाला है। इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद निश्चित रूप से आपका टाइम टेबल का concept पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा।
ज्यादतर लोगों का ये मानना है कि समय यात्रा एक Concept नही है। ये तो बस science-fiction है। तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि साइंस की दुनिया में साइंस फिक्शन तो होता ही है। कुछ चीजें real experiment (वास्तविक प्रयोग) पर आधारित होती हैं। जिसे हम scientifically proved (वैज्ञानिक रूप से सिद्ध) कहते है और कुछ चीज़े real experiment से नही बल्कि theoretically proved (सैद्धांतिक रूप से सिद्ध) होती हैं Mathmatics के जरिए। जिन्हें हम theoretically proved कहते हैं। ये जो Time travel है, ये वास्तव में practically proved नही है बल्कि theoretically proved है mathmatics के जरिए। Einstein और बाकी कई वैज्ञानिकों की theories Time travel को वास्तव मे allow करती हैं और यही वजह है जिसके कारण यह इतना विवादास्पद टॉपिक बन चुका है। अभी थोड़ी देर पहले जो मैंने कहा की टाइम टेबल practically proved नही है ये वास्तव में सही भी है और नही भी। क्योंकि बहुत छोटे पैमाने पे समय यात्रा साबित हुई है। एक प्रयोग में Time travel किया गया है, लेकिन बस कुछ ही नैनो सेकंड के लिए। यह कोई ज्यादा अवधि तो नहीं है, लेकिन इससे हमें कम से कम पता चलता है की Time travel मुमकिन है। ये experiment अक्टूबर 1971 में हुआ था और इसका नाम है 'Hafele-Keating experiment'
Astronaumer Richard Keating ने 4 atomic clocks को ले कर उड़ान भरा और उन्होंने धरती का दो चक्कर लगाया। जब वह चक्कर लगा कर वापस United States के Nabha Labrador Gery मे आए, तो उन्होंने दोनों घड़ी के समय को मिलाया। अजीब बात यह है की उस Labrador Gery की घड़ी उनके प्लेन में मौजूद घड़ी से कुछ नैना सेकंड आगे थी। अगर हम उदाहरण से समझे तो अगर दोनो घड़ी के शुरुवात का समय 4:10p.m मिनट और (10 करोड़ 10 लाख नैनो सेकंड) था और अगर हम मान ले के 4 घंटे के बाद वो वापस आए तब दोनों घड़ी का समय 8:10p.m (10 करोड़ 10 लाख नैनो सेकंड) होना चाहिए। पर, उनके प्लेन की घड़ी का समय Labrador Gery से 10 लाख नैनो सेकंड पीछे था। मतलब 8:10p.m और 10 करोड़ नैनो सेकंड बज रहा था। अब आप कहोगे, यह तो बस कुछ नैनो सेकंड का फर्क है। तो इससे क्या फर्क पड़ता है। शायद वो घड़ी ही खराब होगी। पर, मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं। वह प्रयोग कोई सामान्य घड़ी या कोई advanced electronic clock से नही हुई थी। बल्कि, वो प्रयोग एक atomic clock से की गई थी। इस दुनिया मे atomic clock से ज्यादा सटीक कुछ भी नहीं है। यह 1 सेकंड के करोड़वे हिस्से को भी रिकॉर्ड कर सकता है। पर, इस प्रयोग से आखिर साबित क्या हुआ? इस प्रयोग से scientifically यह साबित हुआ के धरती पे एक जगह पर रखी घड़ी उस प्लेन की घड़ी से ज्यादा तेज थी। इसका मतलब क्या है?क्या धरती पर रखी घड़ी तेज हुई या फिर प्लेन वाली घड़ी slow? असल में प्लेन वाली घड़ी slow हो गई। इसका मतलब क्या है? इसका मतलब यह है कि कोई भी चीज जितनी तेज चलेगी उसकी समय की रफ्तार उतनी कम होगी। यह इतिहास का एकमात्र पूर्ण प्रयोग है, जो समय यात्रा को सिद्ध करता है।ये एक official प्रयोग है। धरती पर रखी घड़ी एक जगह थी और वो प्लेन की घड़ी करीब 900 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर रही थी। इसका मतलब यह है की चलती हुई किसी भी चीज के लिए समय धीमा चलता है। उसके मुकाबले जो चीज एक जगह पर विराम की अवस्था में है। इसका मतलब यह है कि अगर हम गहराई से सोचें तो हमे यह पता चलता है की जब आप बस या कार में यात्रा करते हैं, तब आपका समय धीमा हो जाता है। उसके मुकाबले जब आप अपने घर पर बैठे रहते हो। जी हां, यह सुनने में तो आपको थोड़ा अजीब लगेगा। पर यह सच है। मिली सेकंड का करोड़वे हिस्से का फर्क तो जरूर पड़ता है। अगर हम भविष्य में समय यात्रा करना चाहते हैं। तो इस तरीके का प्रयोग किया जा सकता है।
पर मिली सेकंड के लिए भविष्य में जाकर हम क्या करेंगे? मान लीजिए कि आप को 5 साल भविष्य में जाने का मन है। इसके लिए आपको बहुत बहुत तेजी से यात्रा करना होगा और बिल्कुल यही बात महान वैज्ञानिक Stephen Hawking ने बताया था। ज्यादातर, समय यात्रा के सूत्रों से यह पता चल जाएगा कि अगर आप प्रकाश की स्पीड से यात्रा करोगे तो आप time travel कर लोगे। पर कोई यह नहीं बताता कि आखिर कैसे?
इसके पीछे की पूरा लॉजिक मैंने आपको बता दिया है और इसलिए यह कहा जाता है कि आप प्रकाश की स्पीड से यात्रा करोगे तो आप time travel कर लोगे। असल में होता यह है कि अगर आप प्रकाश की स्पीड से यात्रा करोगे तो समय आपके लिए धीमा हो जाएगा, उसकी तुलना में जो धरती पर है। अगर आप किसी spaceship में light के करीब या light की स्पीड में ही यात्रा करोगे तो आप time travel कर लोगे। उतनी स्पीड वाली किसी spaceship में अगर आप 3 साल तक यात्रा कर के धरती पर ओगे तो आपको यह पता चलेगा कि धरती पर 900 साल बीत गए हैं, क्योंकि आपके लिए तो समय धीमा हो जाता है। पर, बाकी दुनिया के लिए नहीं। इसलिए आपके लिए वह कम समय होगा। पर, दुनिया के लिए सामान्य समय होगा। तो जैसा कि मैंने कहा spaceship का समय धीमा हो जाएगा धरती की तुलना में इसलिए धरती पर समय बहुत जल्दी-जल्दी बीतेगा। पर आपके लिए नहीं आप तो अपने spaceship में आराम से यात्रा कर रहे होगे और जब आप वापस आओगे तो बहुत साल बीत चुके होंगे। तो इसी तरह आप भविष्य में यात्रा कर सकते हो। इसकी एक सीमा है। यह सीमा ये है की आप वापिस नहीं आ सकोगे। अगर आप इस तरीके से भविष्य में चले गए तो आपको हमेशा के लिए वही रहना होगा। तो यही है समय में जाने का विज्ञान। पर यह तरीका practicale क्यों नहीं theoretical क्यों है? यह इसलिए क्योंकि यह तो स्पष्ट है की light की स्पीड में चलने वाली ट्रेन बनाना बिल्कुल भी practicale नहीं है।क्योंकि अगर हम लोगों ने ऐसी मशीन बना भी ली तो इसे कोई ऐसी power का source नहीं दे सकेंगेे। जो इस मशीन को संचालित कर सके, इसलिए हम यह कह सकते हैं की भविष्य में समय यात्रा ना मुमकिन तो नहीं पर practical भी नहीं है। हमें भविष्य में समय यात्रा की तो बात कर ली, अब थोड़ा सा भूतकाल में जाने की बात करते हैं।
अतीत में आप light की स्पीड जैसे कोई तरीके से नहीं जा सकते हैं। भूतकाल में जाना यह तो भविष्य काल में जाने से भी ज्यादा विवादास्पद है। एक 'Paradox' यानी एक विरोधाभास के चलते जिसका नाम है 'The Grandfather Paradox' यह एक बहुत ही प्रसिद्ध Paradox है। यह Paradox ये कहती है कि मान लीजिए कि आप किसी भी तरह समय यात्रा करके भूतकाल में चले गए और आपने अपने दादाजी को मार दिया तो आप इस समय कैसे रहोगे? मतलब जब आपने अपने दादाजी को मार दिया है, तब तो आप के दादाजी ही नहीं रहे, तो आप का जन्म कैसे हुआ? आप तो पैदा ही नहीं हुए तो उन्हें मारा किसने? यह बिल्कुल बकवास बात हो गई। यह एक super confusing problem है। इसका कोई उत्तर नही है इसीलिए बहुत सारे लोगों का मानना है कि भूतकाल में जाना नामुमकिन है। पर Stephen Hawking का ये कहना है कि ये संभव है और वह तरीका है wormhole इसके बारे में सबसे पहले Albiert Einstein ने बताया था इसलिए wormhole का दूसरा नाम "Einstein Rosen bridge" है।
Wormhole क्या है? Wormhole को आप एक tunnel (सुरंग) कह सकते हो। जो ब्रह्मांड के दो जगहों और दो समय को जोड़ता है। पर यह कुछ ज्यादा ही non theoreticale (गैर सैद्धांतिक) चीज है। मतलब वैज्ञानिकों ने यह दावा तो जरूर किया है की wormhole का अस्तित्व तो है। पर, आज तक किसी ने एक भी wormhole को देखा नहीं। आप यह कह सकते हो इसकी होने की संभावना बहुत कम है और ये एक रहस्य है और हर अस्पष्टीकृत चीजों जैसी इसकी बस Theory ही मौजूद है। ये बस mathematically सिद्ध है practically नही।
Wormhole |
Time travel का सबसे दिलचस्प तरीका है । Time Machine के द्वारा समय यात्रा करना।Time machine कुछ ज्यादा ही science fiction (कल्पित विज्ञान) हो जाएगा। इसे चलाने के लिए हमें एक विशेष प्रकार की ऊर्जा चाहिए। जिसका नाम है Negetive Energy और नेगेटिव एनर्जी भी एक theoreticale concept है। जो हर रहस्यमई चीजों की तरह सिर्फ mathematically सिद्ध है। टाइम मशीन बनाने का किसी के पास कोई खास फार्मूला भी नहीं है। पर मैं ये आशा करता हूं कि भविष्य में शायद हम टाइम मशीन बना सकें। तो निष्कर्ष ये निकलता है की भविष्य में समय यात्रा करना practically मुमकिन तो जरूर है। यह अलग बात है कि हम इतनी स्पीड से चलने वाली ट्रेन को तो नहीं बना सकते। भूतकाल में समय यात्रा करना यह तो बस mathematically मुमकिन है practically नही। तो ये था Time Travel का स्पष्टीकरण।
मैं आपसे यह पूछना चाहता हूं कि मान लीजिए कि एक ऐसी मशीन बन गई तो क्या आप भूतकाल में जाकर किसी गलती को सही करना चाहोगे? या फिर भविष्य में जाना चाहोगे? इसका जवाब Comment कर के जरूर बताएं।
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