दोस्तों, केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ऐसे कई देश है, जहां पर पुराने कहानी, खिस्सों और मिथकों में अजीब तरह के जीवो के अस्तित्व का वर्णन मिलता है। इन्हीं में से एक किरदार है Mermaid का यानी के जलपरियाँ। दोस्तों, Mermaid शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्द (Mer+Maid=Mermaid) से मिलकर बना है। जिसमे Mer का मतलब सागर और Maid का मतलब स्त्री होता है। दोस्तों, जलपरियां वास्तव में होती है या नहीं इस बात की पुष्टि तो आज तक नही हो पाई है लेकिन हां ऐसे कई सबूत हमारे सामने आए हैं, जिन्होंने जलपरियों के कभी ना कभी अस्तित्व में होने की बात पर सबका ध्यान आकर्षित किया है। यूं तो हम कहानी, खिससों में और फिल्मों में अक्सर जलपरियों को सुना और देखा है लेकिन आज हम आपको इन जलपरियों से जुड़ी कुछ घटनाओं के बारे में भी बताएंगे।
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आज हम जानेंगे जलपरियों के बारे में की क्या जलपरियां वास्तव में होती है या फिर ये एक काल्पनिक कहानी है जो सदियों से सुनी और सुनाई जा रही है।
1 जनवरी 1493 को दुनिया के महान खोजकर्ता में से एक Christopher Columbus ने अपनी डायरी में कुछ ऐसा लिखा जिसने पूरी दुनिया को हैरानी में डाल दिया। कोलंबस अपनी डायरी में अपने सफर के हर एक जानकारी के बारे में लिखा करते थे। उनका मानना था कि 9 जनवरी 1493 को उनके साथ समंदर में कुछ ऐसी घटना घटी जिसका उल्लेख उन्होंने अपनी डायरी में करना जरूरी समझा। उन्होंने लिखा था कि साल 1493 में जब वे Dominican republic से निकल रहे थे, तब उन्होने समुंदर के बीच तीन जलपरियों को पानी में तैरते हुए देखा। उनका कहना था कि वे तीन जीव पानी की सतह पर धीरे-धीरे तैर रहे थे। उनका नीचे का शरीर मछली जैसा था और ऊपर का शरीर एक इंसान जैसा। उन्होंने यह भी बताया कि जिस तरह से इतिहास में इन्हे सुंदर बताया गया है असल में वे एक दानव जैसे दिखती है। इनका शरीर काफी डरावना है। कोलंबस एक महान खोजकर्ता थे। जिन्होंने अमेरिका की खोज की थी। जिनके कारण उनके इन शब्दों को काफी गंभीरतापूर्वक लिया गया। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोलंबस ने जरूर किसी जीव को समंदर में देखा होगा लेकिन वह जीव mermaid नही बल्कि पानी में रहने वाले मैमल्स Manatees (जलगाय) हो सकते है। इनकी आंखें इंसानों जैसी दिखती है और इनकी पूंछ ठीक एक जलपरी जैसे जीव के निचले शरीर से मेल खाता है। जिसके कारण अगर इस समुद्री जीव को दूर से देखा जाए तो इन्हें जलपरी समझने की भूल हो सकती है। जैसा कि कोलंबस के साथ हुआ था। इस थ्योरी को पूरी दुनिया ने अपनाया लेकिन साथ ही साथ कोलंबस के उन शब्दों के कारण जलपरी जैसे जीव के समुद्र में पाए जाने की संभावना को लोग और भी मजबूती से मानने लगे। लोगों की माने तो जलपरी एक समुद्री जीव है। जिसका ऊपर का शरीर एक औरत का है और नीचे का शरीर एक मछली का। जलपरी को South Pacific, South Atlantic और Indian Ocean की गहराई में पाए जाने का दावा किया जाता है। ज्यादातर जल परियों को खूबसूरती का प्रतीक माना गया है। जिनके लहराते हुए लंबे बाल है लेकिन कुछ संस्कृति में इन्हें दानव में से एक माना गया है। इनका मुंह काफी बदसूरत है। ऐसा माना जाता है कि जलपरियां पत्थरों पर बैठा करती है और अपने आप को पानी में देखकर अपनी खूबसूरती को खुद ही सराहा करती हैं। इन जीवों के एक male version का भी उल्लेख किया जाता है। जिन्हे mermen भी कहा जाता है। लेकिन इन्हें मरमेड की तरह खूबसूरत नहीं बल्कि बदसूरत दानव के समान माना गया है। जिन्हें किसी भी रुप से इंसानों में दिलचस्पी नहीं है। अलग अलग सभ्यता में इन्हें अलग-अलग रूप में देखा जाता है, लेकिन ज्यादातर रूप से जल परियों को अपशगुन माना जाता है। जो की बदनसीबी लेकर आती है और इन्हें तभी देखा जाता है, जब किसी प्रकार का प्रलय आने वाला है, जैसे कि समुद्री तूफान या सुनामी। ऐसा कहा जाता है की जलपरियां इस धरती पर बहुत लंबे समय से है लेकिन आधा शरीर एक इंसान का होते हुए भी एक इंसान की तरह इनमे आत्मा मौजूद नहीं होती, लेकिन जलपरियों जैसे जीवों का सबसे पहला उल्लेख कैसे हुआ?
चलिए जानते है-
जल परियों की कहानियों की शुरुआत सीरियन की देवी Atargatis (अटार्गेटिस) से होती है। जिसे इस दुनिया का सबसे पहली जलपरी माना जाता है। Atargatis को चांद की देवी माना जाता था। 4000 साल पहले सीरिया में लोग इनकी पूजा भी किया करते थे। ऐसा माना जाता है की Atargatis(अटार्गेटिस) को Hadad (हदाद) नामक वेक्ती से प्यार हो गया था और बाद में इन्होंने शादी कर ली। उनकी एक बेटी हुई जो आगे चलकर सीरिया की रानी बनी। एक दिन अचानक हदाद की मौत हो गई। जिसका कारण अटार्गेटिस ने अपने आप को माना। वे इस बोझ को सह ना सकी और खुद को मारने के लिए समंदर में कूद गई। ऐसा माना जाता है के पानी Atargatis की सुंदरता को छुपा नहीं सका और वे एक ऐसे जीव में बदल गई जिसके ऊपर का शरीर तो पहले जैसा था लेकिन नीचे से वे एक मछली में बदल गई।
लैटिन के इतिहास के मशहूर किताब Pliny Natural History में भी जलपरियों जैसे जीव का उल्लेख किया गया है। जिसे रोम के महान ऑथर Pliny the Elder ने 77AD में लिखा था। इतना ही नहीं Greek mythology में भी जलपरियों की पाए जाने की बात कही गई है। जिसमें इन्हें शैतान के समान बताया गया है। जो कि पुरुषों को अपने जाल में फंसा कर समंदर की गहराइयों में खींच लिया करती थी। सिर्फ कोलंबस ही ऐसे व्यक्ति नहीं थे, जिन्होंने जलपरियों को देखने की बात कही थी। बल्कि कोलंबस से पहले सन 1423 नीदरलैंड के शहर एडम में एक भयंकर समुद्री तूफान ने हाहाकार मचा दिया था। जिसके कारण पूरे शहर को बाढ़ का प्रलय सहना पड़ा था। कुछ लोगों ने यह दावा किया कि तूफान के बाद उन्होंने जल परियों जैसे जीव को समुंदर के किनारे मरा पाया था। जिसका शरीर पत्थरों से टकराकर पूरी तरह से खराब हो चुका था। इन सभी घटनाओं से साफ है कि सदियों पहले से जल परियों के होने की बात को मानते आए हैं और आज के समय में भी ऐसे कई लोग हैं जो जल परियों पे विश्वास रखते हैं। उनका मानना है की जल परियों जैसे जीव के पाए जाने की संभावना समंदर में हो सकती है लेकिन वे शायद वैसे नहीं दिखते होंगे जैसा कि इतिहास ने हमें बताया है। हो सकता है कि उनके ऊपर का शरीर इंसान का ना हो बल्कि इंसानों जैसा दिखता हो। यही कारण है कि कुछ लोग यह थ्योर भी देते हैं के समंदर में रहने वाली डॉल्फिन और व्हेल हम इंसानों से सबसे ज्यादा फ्रेंडली इसलिए होती हैं क्योंकि समुंदर की गहराई में इन जीवों को जरूर जल परियां दिखती होंगी। जिसके कारण वे हम इंसानों को भी जल परियां समझने की भूल कर लेते हैं। आज के समय में जल परियों से जुड़ी बातें काफी मशहूर हो चुकी है। इसलिए लोग इंटरनेट पर मशहूर होने के लिए झूठे सबूत डालते रहते हैं। इंटरनेट पर इनसे जुड़ी 90% photos और videos झूठ होती है लेकिन बाकी 10% की ओर नजर डालें तो वे काफी रहस्यमई और डरावने दिखाई देते हैंं।
तो चलिए दोस्तों आइए नजर डालें कुछ ऐसी सच्ची घटनाओं पर जो हमें जल परियों के असल में होने पर सोचने पर मजबूर कर देती है। साल 2009 में इजराइल के एक शहर Kiryat Yam के लोगों ने एक जलपरी के देखे जाने की बात कही और ऐसा कहने वालों की संख्या करीब हजार के पार थी। यहां तक कि दूसरे शहर के नागरिक जो शहर में घूमने आए थे, उन्होंने भी ठीक वैसे ही जलपरी के देखने का दावा किया जैसा कि वहां के लोगों ने बताया था। वहां के लोगों का मानना है की जलपरियां सिर्फ रातों के समय सूरज ढलने के बाद ही दिखती थी। जलपरियों जैसे दिखने की घटनाएं इतनी बढ़ गई की वहां की सरकार ने जलपरियों के असली तस्वीर लाने पर 74 लाख रुपए का इनाम रखा और आज के तारीख तक कोई भी इस इनाम पर कब्जा नहीं कर सका है।
साल 2012 में Zimbabwe (जिंबाब्वे) की Gokwe (गोक्वी) शहर में एक डैम को बनाने वाले मजदूरों ने बीच में ही काम को छोड़ दिया था और अथॉरिटी के लाख कोशिशों के बावजूद भी उन्होंने काम पर लौटने से मना कर दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि उन मजदूरों का कहना था की डैम से जुड़ी नदी में जलपरियों जैसे जीव का वास है। जो कि इस डैम के काम को रोकने के लिए मजदूरों को जान से भी मार सकती है। ज्यादातर मजदूरों ने जलपरियों को देखने की बात कही। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिंबाब्वे के गोक्वी के लोगों का मानना है कि उनके शहर से जुड़ी नदी में एक जलपरी रहा करती है। वहां के लोग इस जलपरी से बहुत डरते हैं क्योंकि वे लोग उसे एक बड़ा अपशगुन मानते हैं। डैम को पूरा बनाने के लिए दूसरे शहर से लोगों को बुलाया गया लेकिन काम के महज एक हफ्ते के बाद ही उन्होंने भी काम को छोड़ दिया। उन लोगों ने भी रात के समय एक जलपरी जैसे जीव को देखने की बात कही। आखिर में विदेश से लोगों को बुलाकर डैम को पूरा बनाया गया। जहां मजदूरों को सिर्फ दिन में ही काम करने का आदेश मिला। डैम तो पूरा बन गया लेकिन जलपरी का आतंक पहले से भी ज्यादा बढ़ गया। कई लोगों ने नदी के किनारे जलपरी के हमला करने की बात कही। साल 2017 में उसी डैम के पास गोक्वी के लोगों को बड़े ही दर्दनाक घटना का सामना करना पड़ा। नदी के पास से दो लड़कों की मौत की घटना सामने आई उन लड़कों के दोस्तों ने बताया कि जब वे डैम के पास खेल रहे थे, तो उन्हें नदी की सतह पर एक बड़ी मछली जैसी चीज तैरती हुई दिखी। उन दोनों लड़कों ने उसे पकड़ने के लिए नदी में कूद पड़े। इस बात से अनजान होकर कि वह एक मछली नहीं थी बल्कि एक जलपरी थी। उसके दोस्तों ने बताया कि उन दोनों के नदी में कूदते ही जलपरी ने उन्हें पानी में खींच लिया। अगले ही पल वे लोग उनकी नजरों से गायब हो गए। वहां के लोगों का मानना है के यह काम जरूर उस शैतानी मरमेड का है क्योंकि उन दोनों लड़कों को तैरना आता था इसीलिए किसी भी हाल में दोनों की डूबने से मौत नहीं हो सकती थी। लोग ऐसा कहते हैं कि यह घटना इसलिए इतनी बढ़ने लगी क्योंकि डैम को जबरदस्ती उस जगह पे बनाया गया।
इसी तरह जापान के सैनिकों के साथ इंडोनेशिया के Kei (काय) आईलैंड पर बड़ी अजीब घटना घटी। सैनिकों ने बताया के आईलैंड के नदी के किनारे उन्हें आधा इंसान और आधा मछली जैसी जीव यानी के एक जलपरी की बॉडी मिली थी। जब वहां के स्थानीय लोगों ने उस जीव को देखा तो उनका कहना था के इन जीवों को Oran Kian कहा जाता है और इंडोनेशिया के लोग oran kian पर भारी रुप से विश्वास रखते हैं और इन्हें अपशगुन रूप में देखते हैं। उन्होंने बताया की oran kian को कभी भी ठीक से नहीं देखा गया लेकिन इन से जुड़ी कहानियां यहां पर काफी प्रचलित है। एक जापानी ऑफिसर ने ऐसा लिखा था की एक दिन एक मछुआरे ने उन्हें बताया कि उसने बड़ी हैरान कर देने वाली चीज पकड़ी है। जब यह ऑफिसर उस मछुआरे के घर पहुंचे तो उन्होंने एक मरी हुई जलपरी को जमीन पर पाया। पिछले बार के मुकाबले इस बार जलपरी का शरीर सही सलामत था और वह उसके आधा इंसान और आधा मछली वाले शरीर को साफ-साफ देख सकते थे। जापानी ऑफिसरों ने इस घटना को इंडोनेशिया के जाने-माने जूलॉजिस्ट को बताया लेकिन कुछ दिनों बाद वह मछुआरा अचानक ही गायब हो गया और हैरानी की बात यह है कि वहां के लोगों ने इस बात को मानने तक से इंकार कर दिया था कि वहां ऐसा कोई मछुआरा भी रहता था। इस घटना को वही दबा दिया गया उस जलपरी के साथ क्या हुआ और वह मछुआरा कहां गायब हो गया? यह बात हमेशा के लिए एक रहस्य बनकर रह गई।
अगर वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो क्या जल परियों जैसे जीव असल में मौजूद हो सकते है? वैज्ञानिक मानते हैं के जलपरियों का आधा शरीर एक इंसान का है लेकिन एक इंसानी शरीर पानी की इतनी गहराइयों में ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकता। तो शायद हो सकता है कि हजारों सालों से हम जैसा जल परियों का आधा इंसान और आधी मछली वाले जीव मानते आए हैं, वे ऐसे कभी दिखते ही ना हो। हो सकता है कि वह समुंदर के ऐसी प्रजाति हो जिसे इंसान ने कभी खोजा ही नहीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी हम समंदर का केवल 5% जीव जंतु को ही जानते हैं। अभी समंदर के बहुत सारे जीवों से हम अनजान है।
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