Motivational Story in hindi - जिद्द हो तो Cristiano Ronaldo जैसी!

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कहते हैं, किसी भी Overnight success के पीछे सालों की मेहनत होती है, पागलपन होता है, उस सपने के लिए और बचपन से कुछ ऐसा ही पागलपन था, एक माली के बेटे में फुटबॉल को लेकर और इसी पागलपन ने इस बंदे को Cristiano Ronaldo बना दिया, जो आज हर फुटबॉल लवर के दिल की धड़कन है। जी हां! दोस्तो, मैं बात कर रहा हूं फुटबॉल की पहचान Cristiano Ronaldo की। आज सब जानते हैं कि यह बंदा अरबों के बंगला में रहता है, करोड़ों की गाड़ियों में घूमता है पर इस कामयाबी के पीछे का स्ट्रगल और नंबर वन बने रहने के लिए जो मेहनत है, उससे कुछ ही लोग रूबरू हुए हैं और आज के इस Motivational Story में, इस बंदे के कुछ किस्से सुनने के बाद आप भी कहोगे की कामयाबी ऐसे बंदों से दूर रह ही नहीं सकती।

Ronaldo के कोच बताते हैं की एक दिन उन्होंने अपने ऑफिस की खिड़की से कुछ पेड़ों को हिलते हुए देखा, उन्हें लगा की कोई मीडिया वाले जासूसी कर रहे हैं, पर पूछताछ करने के बाद पता चला कि रोनाल्डो जंगली पेड़ों के बीच अकेले practice कर रहे थे, ताकि अपनी skills को और improve कर सकें। जब ट्रेनिंग के बाद बाकी Team mates नहाने चले जाते थे, तब भी यह बंदा अकेले प्रैक्टिस करता था। एक रिसर्च के अनुसार 96% लोग अपने passion को follow नही करते और यह 90% लोग उन 4% लोगों के लिए काम करते हैं, जो हर बार हारने के बावजूद भी अपने Passion पर give up नहीं करते। Loosers हेमेशा बहाने बनाते हैं की घरवाले सपोर्ट नहीं करते, पैसे नहीं है, skills नहीं है वगैरा-वगैरा पर Winners ऐसे हालातों में भी रास्ते खोज ही लेते हैं। Ronaldo के रास्ते में भी कई मुश्किलें आई लेकिन ये मुश्किलें इस बंदे का बाल भी बांका नहीं कर पाई। 12 साल की उम्र में इस बंदे को फुटबॉल के लिए अपनी फैमिली से दूर रहना पड़ा। 15 साल की उम्र में हार्ट प्रॉब्लम की वजह से डॉक्टर ने इन्हे फुटबॉल खेलने से मना कर दिया, पर तब तक तो ये Game इस बंदे की जान बन चुका था। 

अब इनके पास दो रास्ते थे या तो फुटबॉल खेलना छोड़ दें या एक रिस्की सर्जरी करा लें और बेशक इस बंदे ने दूसरा रास्ता चुना। अभी उससे उभरे नहीं थे कि इस बंदे पर दूसरा पहाड़ टूट पड़ा, ज्यादा शराब पीने की वजह से इनके पिता की death हो गई। इससे रोनाल्डो को बहुत बड़ा सदमा पहुंचा। घर का खर्चा चलाने के लिए रोनाल्डो की मां को दूसरे की घर में काम तक करना पड़ा। इतनी मुसीबतों के बावजूद भी इस बंदे ने अपने passion के लिए मेहनत करना नहीं छोड़ा। यह होता है पागलपन, अपने passion के लिए, अपने सपनों के लिए, ऐसे ही पागल लोग आगे चलकर दुनिया के लिए मिसाल बन जाते हैं। रोनाल्डो के फिटनेस कोच बताते हैं की चैंपियन लीग का मैच खेलने के बाद जब रोनाल्डो रात के 2:00 बजे शहर लौटे, तब उनके सारे साथी घर चले गए, वहीं ये बंदा सीधा ट्रेनिंग सेंटर जाकर वर्कआउट करता है। मैच जीतने के बाद दुनिया का सबसे महान खिलाड़ी बनने के बाद भी, यह बंदा रुकने का नाम नहीं ले रहा है और ऐसा ही कुछ होता है Winner का attitude, जो दूसरों से नहीं खुद को कल से कम compare करते हैं। खुद को और बेहतर बनाने के लिए और ऐसा नहीं है कि रोनाल्डो से ज्यादा टैलेंटेड प्लेयर नहीं है, पर इस बंदे से ज्यादा Hard-work कोई नहीं कर पाता और इसी Hard-work के बदौलत ही कामयाबी इनके कदम चूमती है।

दोस्तों नंबर-1 बनना, जितना मुश्किल है, उससे कहीं ज्यादा मुश्किल है नंबर-1 बने रहना और रोनाल्डो हर रोज वह सब कुछ करते हैं, जो उन्हें नंबर-1 बनाए रखें। रोनाल्डो के एक दोस्त, उनके बारे में बताते हुए कहते हैं,  ट्रेनिंग के लिए रोनाल्डो सबसे पहले field पर आते हैं और दिन भर के हार्ड प्रैक्स के बाद सबसे लास्ट में घर जाते हैं। ऐसा ही एक किस्सा यह बताते हैं की यह रोनाल्डो के साथ दिनभर प्रैक्टिस करने के बाद ये रोनाल्डो के साथ उनके घर चले गए, उनके साथ डिनर करने के बाद, उन्हें लगा कि रोनाल्डो अब रेस्ट करेंगे, पर फुटबॉल लेकर यह बंदा वापिस प्रैक्टिस करने चला गया। रोनाल्डो की पत्नी से पूछने के बाद, उन्होंने बताया की "never get satisfied with his practice" वो हमेशा कुछ ज्यादा करना चाहते हैं और वो करते भी हैं। क्या तुम दे सकते हो ऐसा Detication अपने सपनों के लिए? जरूर दे सकते हो, बस प्यार करो अपने उन सपनों से, जब तक की वो सपना हकीकत में न बदल जाए, फिर उसके लिए दुनिया इधर की उधर क्यों न करनी पड़े।

ALL THE BEST 👍
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