अलादीन और उसके जादुई चिराग की कहानी हम बचपन से ही सुनते आए हैं। अलादीन और उसकी जादुई चिराग की कहानी सुनकर हम कल्पनाओं की ऐसी दुनिया में पहुंच जाते थे, जो बेहद रोमांचक और रहस्यमई होती थी। यह कहानी इतनी मशहूर और लोगों द्वारा पसंद की गई, जिसके आधार पर कई फिल्में बनाई जा चुकी है। दोस्तों, अलादीन के कहानी के पीछे कई रहस्य मौजूद है, जैसे कि इस कहानी की शुरुआत कहां से हुई? क्या यह कहानी किसी असल जिंदगी के इंसान पर आधारित है? क्या उस इंसान के पास जादुई चिराग था? अगर हां, तो उस चिराग को आज भी कहीं न कहीं मौजूद होना चाहिए। अगर अलादीन की कहानी सच्ची है तो आज अलादीन की जादुई चिराग कहां है? ऐसे ना जाने कितने सवाल हमारे दिमाग में उठने लगते हैं और आज हम इन्हीं सारे सवालों के जवाब जानेंगे।
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दोस्तों, Mysteryzilla में आपका स्वागत है 🙏 आज हम उसके बारे में जानेंगे जिससे हम बचपन से कहानियों और फिल्मों में सुनते और देखते आए हैं। अलादीन और उसकी जादुई चिराग जी हां दोस्तों क्या अलादीन सच में था ? या बस ये एक कहानी हैै, जिसे हम बचपन से सुनते आए है। तो चलिए जानते है अलादीन के बारे में विस्तार से।
दोस्तों इससे पहले कि हम अलादीन की रहस्यों के बारे में बात करें, उससे पहले हम उस महिला के बारे में जानेंगे जिसकी वजह से अलादीन की कहानी हमारे सामने आई।
बहुत समय पहले की बात है Persia(पर्सिया) मे मोनार्क नाम का एक फारसी राजा रहता थाा। जो अपनी रानी और अपने परिवार के साथ खुशी से रहता था, लेकिन अचानक उसे एक दिन पता चला कि उसके भाई की बेगम उसे धोखा दे रही है। राजा ने उसे मौत की सजा दे दी। फिर राजा को अपनी पत्नी पर शक हुआ। छान-बीन करने पर राजा ने पाया कि उसकी पत्नी भी उसे धोखा दे रही है। राजा क्रोध में जलने लगा और उसने अपनी पत्नी का भी खून कर दिया। इसके बाद राजा को लगने लगा की सभी स्त्रियां ऐसी ही होती है, इसीलिए वह कुंवारी लड़कियों से शादी करता गया और शादी की पहली रात ही उनकी जान लेने लगा। एक ऐसा समय आया कि जब राजा के लिए प्रजा में कोई कुंवारी लड़की नहीं बची थी, बहुत खोज करने पर वजीर को जब राजा के लिए कोई कुंवारी लड़की नहीं मिली तब उसने अपनी बेटी शहजाद से राजा की शादी करवा दी । शहजाद बेहद खूबसूरत और अकलमंद थी। उसे कहानियां सुनाने में महारत हासिल थी, इसलिए उसने पहली रात राजा को एक मनमोहक कहानी सुनाई लेकिन कहानी का अंत राजा को नहीं बताया। कहानी का अंत जानने की उत्सुकता में राजा ने उसे उस रात नहीं मारा फिर शहजाद ने दूसरी रात भी ऐसा ही किया। वह हर रात राजा को कहानियां सुनाती और उसका अंत उसे नहीं बताती। वो उन कहानियों के द्वारा राजा के मन पर प्रभाव डालती थी और उसने राजा को 1001 रातों तक कहानियां सुनाती रही। तब राजा का हृदय परिवर्तित हो गया और उसने शहजाद को कभी नहीं मारा। 1001 कहानियों का पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक रूप से सुनाया जाने लगा और फिर उन कहानियों को संग्रहित कर के एक किताब में लिखा गया। इन्हें कहानियों में से एक कहानी थी, अलादीन और उसके जादुई चिराग की।
दोस्तों इसके अलावा सिंदबाद द सेलर और अलीबाबा चालीस चोर जैसी मशहूर कहानियां भी Thousand in One Nights नाम की किताब से ही आई है। अब सवाल यह उठता है कि शहजाद ने राजा को जो कहानियां सुनाई थी, वो सब काल्पनिक थी या उसमें कुछ सच्चाई मौजूद थी। बहुत से लोगों का मानना है की जैसे हमारे ग्रंथ और पुराणों की कहानियां सच्ची है। उसी प्रकार अलादीन की कहानी भी सच है। उसे लोगों ने लंबे समय तक याद रखा इसीलिए उसे किताब में लिखा गया।
कथित रूप से, चाइना में मुस्तफा नाम का एक दर्जी रहता था। वो अपनी पत्नी को ले कर बगदाद चला जाता है। वहा जन्म होता है Alladin का। मुस्तुफा की मृत्यु हो जाती है। जिसकी वजह से अलादीन और उसकी मां बहुत गरीबी में जिंदगी बिताने लगते है। एक दिन मुस्तफा का भाई उनसे मिलने आता है। वो जाकर अलादीन की मां से अलादीन के लिए एक नई दुकान खोलने और उसे धंधा करने की हुनर सिखाने की बात करता है। अलादीन की मां ऐसे ही गरीबी से परेशान रहती थी, इसलिए वह तुरंत अलादीन को अपने चाचा के साथ जाने के लिए कहती है। अलादीन का चाचा उसे एक गुफा में ले जाता है और उसे एक अंगूठी देकर कहता है की गुफा के अंदर जाकर चिराग को ढूंढो। Aladdin अंदर जा कर चिराग ढूंढ लेता है, लेकिन उसे पता नहीं होता की उस चिराग के अंदर कोई जिन्न है। अलादीन के चाचा को लगता है के अलादीन को चिराग नहीं मिला, इसलिए वो उस गुफा को बाहर से बंद कर के घर चला जाता है। अलादीन गुफा के अंदर घबरा जाता है। तभी वह हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगता है, जिसकी वजह से उसकी अंगुली में मौजूद अंगूठी दूसरे हाथ से रगड़ खाती है और वहां एक जिन्न प्रकट होता है, जो अलादीन से उसकी मनोकामना पूछता है। अलादीन उस चिराग समेत अपने घर पहुंच जाता है। घर पहुंच कर वह अपनी मां को पूरी कहानी सुनाता है, जिसे सुनकर अलादीन की मां काफी घबरा जाती है।
एक दिन घर में कुछ खाने के लिए नहीं होता और अलादीन को भूख लगती है, तभी उसकी मां उस चिराग को बेच कर खाना लाने के लिए कहती है। वो उसे घिस कर साफ करने लगती है ताकि वो अच्छी तरह चमकने लगे, तभी अचानक उस चिराग से जिन्न बाहर आ जाता है। इसके बाद अलादीन की जिंदगी ही बदल जाती है। वो उस जिन्न को अपने भाई की तरह रखता है और अपने लिए शानदार महल बनवाता है। अमीरों की तरह जीने लगता है। शहर की सुल्तान की एक बेटी थी, जो बहुत ही खूबसूरत थी। सुल्तान अपनी बेटी को दूसरों की नजर से बचा कर रखता था। तभी एक दिन बगदाद के सुल्तान शहर में घोषणा करवाते हैं की उनकी बेटी आज पैदल स्नानग्रह तक नहाने के लिए जाने वाली है, इसीलिए सब लोग अपने घर में कुछ समय के लिए बंद हो जाए लेकिन अलादीन चुपके से राजकुमारी को देखने लगता है।
अलादीन राजकुमारी को देखते ही उसके ऊपर मोहित हो जाता है। अलादीन राजकुमारी से दोस्ती कर के उससे शादी करने के लिए राजकुमारी को राजी करने में कामयाब हो जाता है।
अलादीन अपनी जिंदगी में गरीबों की बहुत मदद करता था इसलिए सब उसे बेहद पसंद करते थे। जिंदगी के अंतिम क्षणों में अलादीन जिन्न के सामने अपनी आखिरी इच्छा रखता है। अलादीन जिन्न से कहता है कि किसी ऐसी जगह इस चिराग को दफना देना जहा से कोई भी बुरा व्यक्ति इस चिराग को खोज ना पाए। ऐसा कहा जाता है की जिन्न ने वह चिराग सहारा के रेगिस्तान में ऐसी जगह दफनाया है, जहां से उसे ढूंढना बेहद ही मुश्किल है। सहारा रेगिस्तान के कठोर जल वायु में चिराग को ढूंढना बेहद ही मुश्किल काम है लेकिन ऐसे कुछ लोग हैं जो इस चिराग को खोजने की कोशिश कर चुके हैं। दोस्तों, अलादीन की कहानी सच है या कल्पना यह बात तो कोई तय नहीं कर सकता लेकिन अगर यह कहानी सच है तो आज भी आज भी अलादीन का वह जादुई चिराग धरती के किसी कोने में महफूज होगा और शायद किसी दिन किसी किस्मत वाले के हाथ लगेगा।
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