Husband wife Heart touching Emotional love story after marriage in hindi

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पति और पत्नी एक दूसरे का मजाक उड़ा रहे थे। उनकी एनिवर्सरी थी और कई लोग उनकी एनिवर्सरी मानने के लिए उनके घर आए हुए थे। इतने लोगों के बीच दोनों एक दूसरे का मजाक उड़ा रहे थे लेकिन बात कब बिगड़ने लगी किसी को पता ही नहीं चला। धीरे धीरे मजाक एक दूसरे की बेइज्जती तक आ गया, एक दूसरे को नीचा दिखाने लगे आए हुए बाकी लोग सिर्फ तमाशा देखकर खुश हो रहे थे। किसी ने उनको रोकने की कोशीश नहीं की उल्टा हंस रहे थे लेकिन जब हद पार हो गई और पत्नी ने ये कह दिया कि तुम्हारी औकात ही क्या है मेरे सामने? तो सन्नाटा छा गया। पति निशब्द हो गया, जो जो पास में हंस रहे थे सब एक दम से चुप हो गए। 
इस पूरी शांति के बीच एक महिला सामने आई वो महिला उस पत्नी की ही सहेली थी। पति का नाम राज पत्नी का नाम रिया था। रिया की सहेली ने उसका हाथ पकड़ा और एक बोर्ड के पास लेकर गई और पेन मार्कर हाथ में दे दिया। रिया ने अपनी सहेली से पूछा ये क्या है? और मुझे इधर क्यों ले कर आई? मुझे कुछ लिखना है क्या? सहेली ने जवाब दिया हां! तुम एक काम करो तुम कोई भी पंद्रह ऐसे नाम लिखो जो तुम्हारे सबसे करीब है। रिया ने नाम लिखने शुरू किए माता पिता, सास ससुर, पति बेटा, अन्य रिश्तेदार और कुछ ख़ास दोस्तों के नाम भी लिख दिए।
अब सहेली बोली कि इनमें से पांच ऐसे नाम काट दो, ये सोचकर कि ये लोग तुम्हारी जिंदगी से हमेशा के लिए चले गए। रिया ने दोस्तों के नाम हटा दिए लेकिन हटाते हटाते उसके माथे पर चिंता की लकीरें थीं लेकिन उसने ज्यादा नहीं सोचा। इस बार सहेली बोली की ठीक है। 

अब एक काम करो चार नाम और हटा दो, पूरा माहौल बदल गया सबके चेहरे पर टेंशन की आखिर ये हो क्या रहा है? अब रिया ने रिश्तेदार के नाम हटा दिए। अब बचे सिर्फ माता पिता, सास ससुर पति और बेटा सबकी नजरें बोर्ड पर कि आगे क्या होने वाला है? अब रिया से कहा गया कि ठीक है अब तुम दो नाम और हटा दो। इस बार रिया के दिल में घबराहट हुई कि अब किसका नाम हटा सकती हूं? क्योंकि सब अपने है लेकिन सहेली के कहने पर दो नाम हटाने थे, तो बाहुक चेहरे और माथे पर पसीने के साथ उसने सांस ससुर का नाम हटा दिया और बोली की मैं उन माँ और बाप का नाम नहीं हटा सकती जिन्होंने मुझे जन्म दिया है। Plzzz मुझे माफ़ करना राज। राज चुप चाप ये सब देख रहा था लेकिन राज ने कुछ नहीं बोला। आगे सहेली बोली कि अब बचे माता पिता, पति और बेटा अब एक काम करो दो नाम और हटा दो। इस बार रिया ने रोना शुरू कर दिया कि एनिवर्सरी का दिन है और ये सब क्या करवाया जा रहा है?

 लेकिन सहेली बोली नाम हटाने पड़ेंगे। रिया ने बोर्ड की तरफ़ देखा, दिल जोर जोर से धड़कने लगा, यह सोच कर कि ऐसे कैसे किसी का नाम अब काट सकती हु? लेकिन आंखो में आंसू के साथ दिल पर पत्थर रखकर उसने अपने माता पिता का नाम हटा दिया और बोली की मुझे भगवान कभी माफ़ नहीं करेंगे सहेली बोली रिया रोना बंद करो। उठो, राज़ भी थोड़ा भावुक हो चुका था।  बाकी सब लोग निशब्द, अब सहेली बोली बोर्ड पर सिर्फ पति और बेटा है, दोनों में से किसी एक को चुनना होगा तुम्हें। रिया यदि इन दोनों में से एक का नाम हटाना हो तो वो कौन होगा? रिया रोते हुए अपनी सहेली से बोलती की plzzz ये सब बंद करो लेकिन सहेली नहीं मानीं और बोली उठो रिया और एक नाम हटाओ, 15 मिनट सोचने के बाद रिया ने आंखो में आंसू के साथ अपने बेटे का नाम हटा दिया। राज देखता रह गया। 

सब लोग आश्चर्य में पड़ गए की रिया ने ये क्या कर दिया? एक माँ अपने बेटे का नाम कैसे हटा सकती है? आप भी यही सोच रहे होंगे, तब सहेली ने रिया से पूछा कि ऐसा क्यों किया? एक माँ होकर अपने बेटे को ठुकरा दिया और पति को चुन लिया। ऐसा क्यों किया तुमने? तो रिया बोली कि माता पिता, सास ससुर आज नहीं तो कल भगवान के पास चले जाएंगे और ये कुदरत का नियम है, जो आया उसे जाना ही है और बेटा शायद अपनी शादी के बाद मुझसे अलग हो जाएगा, हो सकता है मुझे आश्रम भेज दे, हो सकता है कोरी सेवा करे या ऐसा भी हो सकता है कि मुझे घर से  निकाल दे क्योंकि आजकल की जेनरेशन का क्या भरोसा। रोते रोते राज के पास गईं और बोलीं कि इन सबके बीच राज जो मेरा पति है। वो मुझे कभी नहीं छोड़ेगा और आखिरी सांस तक मेरा साथ देगा और मेरी रक्षा करेगा, मेरी देखभाल करेगा, मेरी हर जरूरत वहीं पूरी करता है, और मेरी हर ज़िद भी वही पूरी करता है। राज की आंखों से कब आंसू बहने लगे उसे पता ही नहीं चला। पूरा माहौल बदल गया जीतने भी लोग वहां मौजूद थे सब रोने लगे। सहेली बोली कि जिस पति से इतनी उम्मीदें हैं उसी पति की औकात की बात तुमने सबके सामने की। रिया जोर से रो पड़ी और राज से माफी मांगी राज ने भी रिया से माफी मांगी। उस दिन दोनों को एक दूसरे की कीमत का एहसास हुआ। ऐसी एनिवर्सरी शायद पहले किसी ने नहीं बनाई होगी। सहेली ने रिया को सही रास्ता दिखाए और शायद एक परिवार को ये सिखाया कि परिवार क्या होता है? 

तो दोस्तों इस कहानी से आपको क्या सीख मिली कि हमें कमेंट में बताएं। यदि आपको लगता है इस Story से के किसी परिवार का भला होगा तो plzzz शेयर कीजिए।  


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