True Beauty (किसी की कमी का मजाक नहींं उड़ाना चाहिए) || Hindi story || Sad Love story



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कमरे में dressing टेबल के सामने बैठी एक लड़की एक के बाद एक चहरे पर creams  लगाए जा रही थी, तभी उसकी माँ ने पीछे से आवाज़ लगायी 'मुक्कुः मुक्कु... जल्दी कर कॉलेज के लिए late हो जायेगी।" "बस माँ... 2 minute... उस लड़की ने ज़ोर से जवाब दिया और क्रीम लगाते हुए बड़ी उम्मीद के साथ खुद से बोली "ये pimples... ये धब्बे.. ये सब चेहरे पर गायब हो जाएंगे, तो मैं भी बाकी लड़कियों की तरह सुन्दर दिखने लगूंगी। एक तो मेरी शक्ल ऐसी, उप्पर से मेरा इतना लम्बा नाम मुक्तांजलि की कोई बोलते बोलते सो जाए । - अब पापा को मुक्ता और mummy को अंजलि पसंद तो दोनो कॉमन ग्राउंड पे नहि आ सकते थे? मुझे ऐसा नाम देके मेरी क्यू क्लास लगा दी?"


उसने फटाफट table पर रखा अपना bag उठाया और चश्मा पहना कि तभी उसकी नज़र सामने wall पर लगे पोस्टर पर गई। पोस्टर ... महलो में रहने वाले एक राजकुमार का था ... एक चाँद के शेप का रीगल लॉकर पहने, हाथों में गुलाब का फूल लिए. प्रोपोज़ करने की position में, अपने घुटनो पर बैठा हुआ था। "तुम्हे गुडमॉर्निंग बोलना कैसे भूल सकती हूं, रूपकुमार जी?" कहते हुए मुक्ता की braces वाली smile उसके चेहरे पर खिल उठी । "कितना खूबसूरत locket है? इस moon locket को देख कर तो ऐसा लगता है, के इसे पहनने वाला कितना handsome होगा ! प्यार के शहर आगरा में मुझे कब मेरा रूप कुमार मिलेगा ! "


मुक्ताजली एक सिंपल सी लड़की थी, जिसे यकीन था की उसकी लाइफ में भी एक ऐसा राजकुमार आएगा, जो उसके सूरत से ज्यादा उसकी सीरत से प्यार करेगा। मुक्ताजली की माँ, रेनु ने देखा की उनकी लाडली अभी भी पोस्टर से बातें कर रही है। वो सर पे हाथ रखते हुए बोली, "मुक्कू तुम्हे, बचपन में कहानी क्या सुना दी, तुमने तो इस कहानी को ही अपनी ज़िन्दगी बना ली। उसी वक़्त मुक्ताजली की दादी जी भी हाथ में अगरबत्ती लिए वहा आ पहुंची और उसे ताने मारते हुए बोली "अब जल्दी जा, तेरा पोस्टर वाला राजकुमार तुझे college छोड़ने नहीं जाएगा !" मुक्ताजली ने हड़बड़ी में एक बार फिर उस पोस्टर को देखा और फिर शीशे में खुद को देख, अपना चश्मा ठीक कर, वहा से निकल गई।


"कितने सालो से ना जाने कौन कौन सी cream लगाई इसने ... पर कोई फायदा हुआ? बस पैसा बर्बाद.... राम जाने कौन शादी करेगा इससे?!" रेनू को अपनी बेटी की शिकायते सुनना अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए उसने अपनी मुक्कु की तरफदारी करते हुए कहा, माँ जी इतना होने के बौजूद भी अपने college और पढ़ाई का खर्चा तो वो खुद ही उठा लेती है, है ना!" कॉलेज की bell बजते ही कॉरिडोर में इधर उधर टहल रहे स्टूडेंट्स के बीच हलचल मच गई। भीड़ के बीच से जगह बनाकर क्लास की तरफ जाती मुक्ता, अचानक किसी से टकरा गई उसकी कॉलेज आने की एक लोती वजह 'आयुष' आयुष college का सबसे popular और सबसे handsome लड़का था।


कॉलेज की सभी लड़कियों का crush और मुक्ता का एक तरफ़ा प्यार.. मुक्ता अपने लड़खड़ाते चश्मे को संभाल, हिचकिचाते हुए शर्मीली आवाज़ में बोली "h.hi..hiü ayush" मुक्ता को लगा कि रोज की तरह आज भी आयुष उसे अनदेखा कर आगे बढ़ जाएगा, लेकिन आयुष वही रुक गया| उसकी सुन्दर भूरी आँखे खुद पर टिका देख, मुक्ता की धड़कने Suज ऐसा नहीं हुआ। अचानक तेज़ हो गई और मानो वो एकदम कही खो सी गई। तभी आयुष ने उसकी आँखों के सामने चुटकी बजाते हुए उससे पुछा, "hey, चश्मिश ! actually, वो मुझे कल वाले lecture के notes चाहिए थे, do you have it?" मुक्ता अचानक होश में आई और हड़बड़ी में बिना कुछ कहे उसे अपने notes पकड़ा दिए..


जैसे अभी अभी वो कोई सपना देख रही थी। आयुष के जाते ही मुक्ता ने धीरे से अपने आप को पिंच किया और दर्द भरी आह भरते हुए, excited होकर खुद से बोली, "ये सपना नहीं है! आयुष ने मुझसे सच में बात की वो मुझे देखकर मुस्कुराया भी। " Lunch break के बाद, बेल बजते ही class में प्रोफेसर ने पढ़ाना शुरू कर दिया | कुछ बच्चे अभी भी अपनी अपनी seats पर settle हो रहे थे, तो कुछ आपस में बात कर रहे थे । पर पूरा दिन आयुष के खयालो में खोये रहने के बाद भी मुक्ता professor Qurns. के बोले हुए हर एक शब्द को बड़े ध्यान से अपनी notebook पर उतार रही थी तभी उसे अपनी पीठ पर कुछ महसूस हुआ । उसने पीछे मुड़कर देखा, पर कोई भी उसकी तरफ नहीं देख रहा था।


वो वापस professor की तरफ पलटी तो पीछे से बच्चो की दबे मुँह हसने की आवाज़ आने लगी। मुक्ता का ध्यान हटा तो उसने देखा की उसके seat के पास एक paper ball आ गिरा था। उसने उस paper बॉल को धीरे से उठाया और उसमे जो लिखा था उसे देख हैरानी से आँखे बड़ी कर ली  Will you be my Valentine ?" ये पढ़ मुक्ता के होश ही उड़ गए थे। "ये किसने लिखा है? मुझसे कौन पूछ सकता है ये सवाल?" इन सवालों के साथ मुक्ता उस शख्स को ढूंढते हुए पीछे मुड़ी तो एक बार फिर उसकी नज़र आयुष पर पड़ी, जो उसी की ओर देखकर मुस्कुरा रहा था। मुक्ता झट से सीधा होकर बैठ गई। उसने paper को देख मन ही मन सोचा "क्या वाक़ई आयुष ने मुझे ये paper... ?


क्या वो सच में मुझे अपनी valentine ... अपनी गर्लफ्रड बनाना चाहता है?" इसे चेक करने के लिए मुक्ता ने एक बार फिर मुड़कर आयुष की तरफ देखा .... वो अभी भी उसे देख मुस्कुरा रहा था। मुक्ता ने थोड़ा सा उस paper को आयुष की ओर दिखाते हुए उससे इशारों में पूछने की कोशिश की.. तो आयुष ने न जाने क्या समझ, हस्ते हुए हल्का सा हाँ में सर हिला दिया। ये देख मुक्ता तो सातवे आसमान पर पहुंच गई थी | "Oh my god, मुझे पकीन नहीं हो रहा, आयुष ने मुझसे उसकी valentine बनने के लिए पुछा मैं तो.. सोच भी नहीं सकती की आयुष जैसा हैंडसम लड़का मुझ जैसी लड़की को प्रोपोज़ करेगा। पर ये ऐसा अचानक से?" पूरा दिन मुक्ता खोयी खोयी सी रही।


उसे यकीन नहीं हो रहा था की उस जैसी दिखने वाली लड़की को भी कोई प्रोपोज़ कर सकता है | वो ये बात accept ही नहीं कर पा रही थी । शाम को घर पहुंचने के बाद, मुक्ता अपने कमरे के bed पर लेटी बार बार उस पेपर को पढ़ blush कर रही थी। फिर अपने आप को आईने में देख, वो बोली, "पर क्या दिखकर उसे मैं पसन्द आ गई? ऐसा क्या है मुझ में? रंग रूप से तो definitely पसन्द नहीं किया होगा... तो क्या बात देखी उसने? शायद मेरा पढ़ाई में अच्छा होना..... चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान के साथ, मुक्ता ने आईने में देख खुद से कहा, "हाँ! यही बात होगी। आज भी उसने मुझसे notes मांगे, क्लास में किसी से भी ले सकता था, पर उसने मुझसे नोट्स मांगे।


कुछ तो था जो उसे आज बहुत अलग महसूस करा रहा था | कही ना कहीं उसे खुद की ही बातो पर विश्वाश होने लगा था, बार बार उसकी मुस्कराहट याद कर, उसे यकीन होने लगा था की आयुष ने सच में उसे प्रोपोज़ किया है। आधी रात बीत चुकी थी, पर मुक्ता को नींद कैसे आती? वो तो दिन से ही खुली आखों से अपने देख रही थी। वो मन ही मन सोचने लगी- "पर अब मुझे भी आयुष के सवाल का जवाब देना होगा... मुझे भी बताना चाहिए, that I love him! पर कैसे? कब? hmm....आयुष ने मुझे अपनी valentine बनने के लिए पूछा है .... तो उसे इस सवाल का जवाब भी valentine day पर ही मिलेगा... यानी की परसो !" - आगरा के जाने माने colleges में से एक, MG college था। जहा मुक्तजली पढ़ती थी।


MG कॉलेज में आज रोज़ के मुताबिक़ ज्यादा चहल-पहल थी। आज मुक्ता भी काफी सुबह उठ गई थी। नई cdress, नई sandal, पूरी मेहनत से किये गए makeup के साथ मुक्ता college के gate र खड़ी इस बात पर तो confident थी की वो आयुष के लिए क्या feel करती है, लेकिन इस बात से बहुत nervous थी की वो अपनी ये feelings कैसे express करे? College के अंदर, कॉरिडोर में चलते चलते मुक्ता ने बहुत सी - लड़कियों के हाथ में गुलाब के फूल देखे, उन्हें देख वो खुद से बोली "इन्हे देख कर लगता है मैं कितनी lucky हूँ, भले ही आयुष ने मुझे मेरे looks के लिए नहीं पसंद किया, पर कम से कम आज तो मैंने अपनी पूरी कोशिश की है इन दाग धब्बों को हटाने के लिए... वैसे आयुष है कहाँ ?"


आयुष क्लासरूम के पास ही अपने दोस्तों के साथ खड़ा था। ब्लैक शर्ट और blue जीन्स पहने वो आज और भी smart दिख रहा था। मुक्ता class के पास आते ही उसे देख नर्वस हो गई और वापस पलट गई "Oh god, आयुष तो कितना smart... नहीं नहीं, आज तो बोलना ही पड़ेगा !" उसने बैग में से एक light पिंक कलर का ईवेलोप्प और वो paper निकाला, और फिर अपना चश्मा ठीक करते हुए वापस पलट कर आयुष की ओर जाने लगी । उसके पास आकर मुक्ता धीमी आवाज़ में nervously बोली, आ.. आयुष।" आयुष और उसके दोस्त मुक्ता को देख confuse हो गए। मुक्ता ने आयुष की तरफ देखा और अपने हाथ में लिए उस letter और paper को आगे बढ़ाते हुए कहा, "Yes Ayush"...I will be your valentine"


मुक्ता के ये कहते ही तीनों लड़के shocked हो गए और बहुत ही confused होकर उसकी तरफ देखने लगे। यूँ तो मुक्ता को लगा था की उसके जवाब से आयुष ख़ुशी से उसे गले लगा लेगा, सब के सामने उसे अपनी गर्लफ्रेंड कहेगा...पर इसकी जगह पर तो आयुष के दोस्त ज़ोर-ज़ोर से उसपर हँस रहे थे और आयुष भी उसे यूँ घूर कर देख रहा था की मानो पता नहीं उसने कितना ही गलत बोल दिया हो | मुक्ता उनका ऐसा reaction देख कर घबरा गई - आयुष मुझे इतने गुस्से में क्यों दिख रहा है? उसके दोस्त भी हँस रहे है.... 


कहीं मैंने कुछ गलत तो नहीं कह दिया या letter को देखकर तो नहीं हँस रहे? आयुष कुछ कह क्यों नहीं रहा?" वो कुछ और सोच पाती या कह पाती, उससे पहले ही उन लड़को को यूँ इस्ता देखा वहा बाकी students भी आ गए, सब curiously उसे देख रहे थे । आयुष के एक दोस्त ने हँसते हुए उससे कहा, "तुम आयुष को प्रोपोज़ कर रही हो...seriously ? अंजलि जी... लगता है आज कल आप अपनी शकल ईने में नहीं देख रही... देखी होती तो यहाँ खड़े होकर आयुष को प्रोपोज़ नहीं कर रही होती।" मुक्तजली ये नाम बहुत बड़ा लगने की वजह से वो सब को अपना नाम अंजलि ही बताती थी ।


 ये सुनते ही सभी students के बीच हलचल मच गईं। वो आपस में फुसफुसा रहे थे - "बड़ी आई कॉलेज के सबसे handsome लड़के को propose करने' "देखो ज़रा, ऐसा लग रहा है fancy dress competition में आई है !!" "लगता है आज देर से उठी थी, तभी आईने में अपनी शकल नहीं देख पाई...hahaha" ये सब देख मुकता ने झट से वो paper खोला और आयुष को दिखा घबराते हुए पूछा, " आयुष... तुमने ही तो ये... ये paper, ये तुमने ही तो पूछा था ?" आयुष ने गुस्से में मुक्ता के हाथ से वो paper छिना और दांत पीसते हुए कहा, "क्या बकवास र रही हो तुम? मैं और तुम्हे प्रोपोज़ करूंगा? कोई पागल ही होगा जो तुम्हे प्रोपोज़ करेगा।


 मैने तुम्हे कोई paper नहीं दिया...क्यों सबके सामने मेरी insult कर रही हो ?!" मुक्ता के आँखों में आंसू आ गए, वो घबराते हुए बोली, "पर मैंने तुमसे पूछा था Paper हाथ में दिखाकर, तब तो तुमने हाँ में सर हिलाया था, वो भी smile करते हुए।" आयुष frustrate होकर बोला, "Aree यार! उस दिन किसीने paper पे idiot लिखकर तुम्हारी back पर चिपकाया था, तो वो देखकर हँस रहा था। जब तुमने paper का इशारा किया...मुझे लगा तुम उस बारे में बात कर रही हो, इसलिए मैंने ऐसा किया। मुझे तो अभी अभी पता लगा की तुमारा नाम something अंजलि ऐसा कुछ तो है ....ये सुनकर मुक्ता को एक और बड़ा झटका लगा।


 उसने आस पास देखा तो सब उसका मजाक उड़ा रहे थे। इतने में मुक्ता की आँखों आंसू झलक उठे | घबराहट से उसके माथे पर पसीने आने लगे थे। तभी वहा सुनैना और रिया आ गई, एक college की सबसे अमीर और दूसरी सबसे hot | उनके आते ही सब वहा से एक कदम पीछे हट गए। रिया ने पहले मुक्ता को उप्पर से नीचे तक देखा और फिर उसके हाथ से वो। paper कर बड़े ही style में बोली " know what you are talking about!..huh! जितना सोचा था उससे ज्यादा ही मजा आया right सुनैना?" सुनैना और रिया, पूरे कॉलेज में यहीं दो लड़कियां थी जो मुक्ता को सबसे ज्यादा bully करती थी। 


सुनैना ने हँसते हुए कहा "right रिया इसका चेहरा तो देखो, डर से बेचारी की आवाज़ भी नहीं निकल रही. इसने सोचा भी कैसे आयुष इसे सच में प्रोपोज़ करेगा? वैसे क्या है तुम्हारे इस 'pink' envelope में ?" ये कहते हुए उसने मुक्ता के हाथ से उसका envelope छीना और जोर जोर से उसमे लिखी बात पढ़ने लगी- "Dear आयुष, में तुम्हे कॉलेज के पहले दिन से पसंद करती हूं।" सीरियसली, Ugly Dugly first day से तुम आयुष के पीछे पड़ी हो?" "मुझे खुशी हुई की तुम भी मुझे पसंद करते हो, आज मेरे लिए बहुत खास दिन है, उम्मीद है की तुम्हारे लिए भी उतना ही खास होगा, love..... और एंड में मुक्तांजलि का मुक्ता फट कर सिर्फ़ 'अंजलि' बचा था।


इसे सुन सब दोबारा मुक्ता पर हसने लगे। सुनैना ने उसक सामने ही उस letter के टुकड़े कर उसके मुँह पर फेक दिया। "You are such a loser !" ये कह आयुष वहा से चला गया । मुक्ता भी रोते हुए वहा से जा ही रही थी की तभी रिया ने उसका हाथ तेज़ी से पकड़ लिया और बोली "अरे valentine गिफ्ट तो ले लो।" मुक्ता ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की पर इतने में सुनैना ने अपने बैग से एक रेड मार्कर निकाला और उसके माथे पर बड़े अक्षरों में loser लिख कर दिल बना दिया | मुक्ता ने खुद को छुड़ाने की कोशिश की पर इतने में सुनैना ने अपने बैग से एक रेड मार्कर निकाला और उसके माथे पर बड़े अक्षरों में loser लिख कर दिल बना दिया|


 एक पल के लिए मुक्ता को लगा जैसे उसकी आँखों के सामने अँधेरा सा छा रहा है, पर फिर वो किसी तरह खुद को संभालते हुए वहा से बिना class attend किये ही चली गई ।  जाते जाते किसी लड़के ने पीछे से कहा "लगता है अब finally ये शीशे में अपनी शकल देखने जा रही है। चलो अच्छा है, हम तो safe है भाई!... तभी class की bell बजी और professor के आते ही सब अपनी अपनी class के लिए रवाना हो गए। मुक्ता के लिए ये सब कुछ सहन कर पाना, लोगो को फेस कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा था सबसे छुपने के लिए वो कॉलेज के टेरेस पर आ गई थी। वहाँ आते ही वो जोर-जोर से रोने लगी, "मेरे साथ ही क्यों? मैंने ऐसा क्या गलत किया ? सब मुझसे इतनी नफरत क्यों करते है?" ये कहते कहते वो हड़बड़ी में अपने माथे को हाथ से ही रगड़ कर साफ़ करने लग गई। उसका पूरा makeup फ़ैल चुका था ।  कुछ ही देर में उसके mobile में message tone बजी | उसने खोल कर देखा तो college के group में एक video आई हुई थी ......

 सभी के mobile पर कैसा video आया था और क्या था उस video में.....????

Part-2 
Comming Soon


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