Short motivational story in hindi- Bad Time को कैसे handle करें?

***इस दुनिया में अपनी तकदीर खुद ही लिखनी होगी; ये कोई चिट्ठी नहीं जो आप दूसरों से लिखवा लोगे***

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ये कहानी है, एक महिला की जिसके पति के कम उम्र में ही मौत हो गई थी। अब परिवार में बचीं थी दो बेटियां। जिनको मां ने बड़े प्यार से पाला पोषा। जब बेटियां बड़ी हुई तो उनकी मर्जी से उनकी शादी करवा दी। कहीं कोई दिक्कत नही थी। वो जो दो बेटियां थी वे अपने परिवार को खुद चलाती थी, उनके पति ज्यादा कमाते नहीं थे। दोनों बेटियां बिज़नेस कर के अपने परिवार को चला रही थी। एक बेटी जो थी, वो छाते का बिज़नेस करती थी और दूसरी बेटी जो थी वो सेवई का बिज़नेस करती थी। सब कुछ ठीक चल रहा था। मां दोनो ही बेटियों से बराबर का प्यार करती थी। बेटियां भी मां से प्यार करती थी। एक दिन दोनों बेटियों की मां रोने लगी, उस दिन बहुत तेज धूप निकली हुई थी। ये मां अपने उस बेटी को याद कर के रो रही थी, जिसका छाते का बिज़नेस था जो कुछ दिनों से ठीक नही चल रहा था। ये मां ऊपर वाले को कोश रही थी की हे! ऊपर वाले आप बारिश क्यों नहीं करते? बारिश हो जायेगी तो लोग छाते खरीदना शुरू कर देंगे। मेरी बेटी का जो धंधा है, वो मंदा पड़ गया है। मेरी बेटी के पास पैसे नही आ रहे है। उसका परिवार कैसे चलेगा? 



तभी एक चमत्कार हुआ, उस मां की पुकार शायद ऊपर वाले ने सुन ली अचानक आसमान में बादल आ गए और बहुत तेज बारिश होने लगी। उस मां को लगने लगा की ऊपर वाले ने मेरी सुन ली है। अब मेरी जिस बेटी के छाते का बिज़नेस है, उसके छाते बिकने लगेंगे उसके पास पैसे आने लगेंगे। ये सोच कर वो मां खुश होने लगी। उसके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आई ही थी की अचानक से उदास हो गई और वापस आसमान के तरफ देख कर कहने लगी की हे ऊपर वाले ये क्या कर दिया? मेरी दूसरी बेटी के साथ में ना इंसाफी, उसका सेवईं का बिज़नेस है अगर वो सुखाएगी नही धूप में तो बेचेगी कैसे? वो मां ऊपर वाले को फिर से कोसने लगी। अब ये रोजाना का हो गया था। जिस दिन धूप होती थी, उस दिन कोसती थी की बारिश क्यों नहीं हो रही है और जिस दिन बारिश होती थी उस दिन कहती थी की धूप क्यों नही हो रही है?  दोनों बेटियों के धंधे मंदे न पड़े इसलिए बार बार यही प्रार्थना कर रही होती थी। पड़ोसी जो देखते थे, वो कहते थे की ये अम्मा पागल तो नही हो गई। लोग कहने लगे की ये अम्मा हमेशा रोती रहती है। लोग उसे रोती हुई अम्मा बोलने लगे।


 एक बार एक बाबा जी वहा से गुजर रहे थे और ये अम्मा आसमान की तरफ देख कर रो रही थी हमेशा की तरह तो बाबा जी ने पूछा किसी से की ये रो क्यों रही है? तो लोगों ने उस बाबा जी से कहा की आप उसके चक्कर में मत पड़िए। ये अम्मा हमेशा रोती रहती है, आप अपने रास्ते जाइए। बाबा जी ने सोचा की एक बार जा कर सुनता हु की बात क्या है तो जैसी अम्मा के पास पहुंचे तो ये अम्मा बताने लगी की मेरी बेटी है, जिसका छाते का बिज़नेस है। वो धंधा मंदा पड़ गया था तो मैंने ऊपर वाले से प्रार्थना की तो बारिश होने लगी और फिर मुझे दूसरी बेटी की याद आई। मेरी जो दूसरी बेटी है, उसका सेवई का बिज़नेस वो गीले रह जाएंगे। धूप नहीं निकलेगी तो सूखेंगे नहीं तब उसका बिज़नेस कैसे चलेगा? सब सुन कर  बाबा जी ने कहा की इसका एक बहुत ही साधारण सा हल है। बाबा जी ने अम्मा से कहा जिस दिन आसमान में बादल हो और बारिश होने लगे, उस दिन आप उस बेटी के बारे में सोचिए जिसके छाते का बिज़नेस है और ये सोच कर तो खुश होइए की उसके पास में तो पैसा आ रहा है। उस दिन आप अपनी दूसरी बेटी के बारे में मत सोचिए और जिस दिन धूप निकली हो, उस दिन आप उस बेटी के बारे में सोचिए जिसका सेवईं का बिज़नेस है। उस दिन उस बेटी के बारे में मत सोचिए, जिसका छाते का बिज़नेस है। तो ये काम आप करना शुरू कीजिए। अपने आप ही आपका रोना बंद हो जायेगा। ऊपर वाले से आपकी शिकायत बंद हो जायेगी। बाबा जी ने जब ये कहा तो अम्मा को अब सारी बात समझ में आ गई। 

जो करना है जिंदगी में वो आज करना है, आज में रहना है जो आज मिला है, उसमे जीना शुरू कीजिए। कल की चिंता कर के परेशान होना बंद कर दीजिए। ये छोटी सी कहानी हमे ये सिखाती है की कभी जिंदगी में खुशियां आई है तो गम भी आयेंगे। उनके लिए तैयार रहिए। उनका सामना करने के लिए हिम्मत के साथ।

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