***किसी ने बड़े कमाल की बात कही है की इस दुनिया में किसी को डर है कि ऊपरवाला देख रहा है और किसी को भरोसा है की ऊपर वाला देख रहा है***
यह कहानी है, एक अमीर इंसान की जिसके पास बहुत सारा पैसा था, वो ऊपर वाले को मानता था। जमीन से जुड़ा हुआ था, बार-बार ऊपर वाले को को धन्यवाद करता रहता था, इस जिंदगी के लिए, हर पल के लिए, हर सांस के लिए। एक बार वह आदमी समंदर किनारे घूमने के लिए गया हुआ था। थोड़ी देर बाद उसका मन हुआ की नाव ले कर समंदर में घूम आते है तो उसने एक नाव ली और नाव ले कर के निकल पड़ा, समंदर मे घूमने के लिए। अभी थोड़ा ही आगे गया था की तुफान आ गया। तूफान इतना तेज था की इसकी नाव तहस नहस होने लगी। फटाफट इसने लाइव जैकेट डाला और समंदर में कूद गया। तैरते तैरते कुछ देर के बाद यह एक टापू पर पहुंचा, जब वहां पहुंचा तो सबसे पहला काम इसने किया, आसमान की तरफ देख, ऊपर वाले को धन्यवाद दिया और कहा की आपने मेरी जिंदगी बचा ली वरना उस तूफान मे तो आज मैं ख़त्म ही हो जाता। आपने ही मुझे बचाया है और अब आप ही आगे का रास्ता दिखाएंगे, मुझे आप पर पूरा भरोसा है।
ये बोल कर के अब उसे समझ आ गया की अब मुझे यही रहना है तो अब वो उसी टापू पर रहने लगा, भूख लगी तो टापू पर जंगल था, वहा से फल तोड़ कर खा लिया। रोजाना ऊपर वाले से प्रार्थना करता रहता था की किसी को भेज दो, मुझे यहां से ले जाने के लिए और मुझे भरोसा है की आप जरूर भेजोगे। इसको ऊपर वाले पर पूरा भरोसा था कि वो मेरी मदद जरूर करेगा। इसको टापू पे काफी दिन हो चुके थे तो इसने सोचा की कम से कम एक झोपड़ी ही तैयार कर लेते है रहने के लिए तो वो लकड़ियां इकट्ठे करने लगा, पत्ते इकट्ठे करने लगा और 3-4 दिन में इसने अपने लिए एक बढ़िया सी झोपडी तैयार कर ली। उस झोपड़ी के बाहर खड़ा हो कर के सोच ही रहा था की आज तो इसमें सोने को मिलेगा। ये सब सोच ही रहा था की तभी अचानक मौसम बदला, आसमान में बादल आ गए, बिजलियां चमकने लगी और तभी आसमान से एक बिजली गिरी और जो बिजली गिरी वो इसकी झोपड़ी पर ही गिरी और झोपड़ी जल कर के बिलकुल राख हो गई।
अब इसका आत्मविश्वास नष्ट हो गया। इसके आंखों में आंसू आने लगे, सर पर हाथ रख कर बैठ गया और बोला एक झोपड़ी मैने इतनी मेहना से तैयार की और ऊपर वाले आपने उसे भी नष्ट कर दिया। ये ऊपर वाले को कोसने लगा। तभी इसको किसी की आवाज सुनाई दी। समंदर किनारे दो लोग छोटी सी नाव ले कर खड़े थे और इसको बुला रहे थे की आ जाओ हम तुम्हे लेने आए हैं। जब यह आदमी उनके पास में पहुंचा तो उन्होंने बताया की हमने दूर से देखा की टापू पर एक झोपड़ी जल रही है, हम समझ गए की कोई है, उस टापू पर जो अपनी झोपड़ी जला कर हमे इशारा कर रहा है की मेरे पास आओ मेरी मदद करो। ये जलती झोपड़ी देख कर के हम आपकी मदद करने के लिए आए हुए है। जहा ये सारी बात उन लोगों ने कहा तो इस अमीर आदमी ने एक बार फिर ऊपर की ओर देखा और ऊपर वाले से माफी मांगने लगा की हे ईश्वर! मुझे माफ करना, मुझे लगा था की आपने मेरी झोपड़ी जला दी मगर अब समझ आया की आपने मेरी झोपड़ी इसलिए जलाई ताकि किसी को इशारा मिल जाए की उसे यहां आना है, मेरी जान बचाने के लिए। मैं पागल था, मैं मूर्ख था जो आपको कोसने लगा था मगर आपने तो अभी भी मेरा साथ नही छोड़ा है, आप हमेशा मेरा साथ देते रहे है।
छोटी सी कहानी है मगर ये कहानी बहुत बड़ी बात सिखाती है, उन्हें जिन्हे लगता है की ऊपर वाला हमारे साथ नहीं है। हमारा साथ नहीं दे रहा है। ऊपर वाले पे भरोसा रखिए, वो हमेशा आपके साथ है। वो हमेशा आपके साथ रहता है, बस आप ही समझने में देर कर देते हैं क्योंकि ऊपर वाले के यहां देर है, अंधेर नहीं।
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