**किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि रिश्ते हमेशा चंदन की लकड़ी की तरह होने चाहिए; टुकड़े चाहे हजार हो जाए मगर सुगंध नहीं जानी चाहिए**
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दोस्तों, एक बार फिर से एक short motivational story ले कर आया हु, आपके लिए जो आपको जिंदगी जीने में आसान करेगी। ये कहानी एक आदमी की है जो जिंदगी भर अपने छोटे भाई को पढ़ाया लिखाया, बड़ा ऑफिसर बनाया, उसकी उसके पसंद की लड़की से शादी करवाई। एक बड़े भाई होने का पूरा फर्ज़ निभाया लेकिन बाद में छोटे भाई ने उससे मुंह मोड़ लिया। उसके बाद बड़े भाई ने क्या किया? वो जानना चाहिए आपको....
ये कहानी एक वकील साहब ने सुनाई। वकील साहब कहते है की एक दिन मैं अपने चैंबर में बैठा हुआ था। एक आदमी दन दनाता सा अंदर घुस आया। वो बड़े गुस्से में था। सफेद कपड़े पहने हुए थे लेकिन मिट्टी लगी हुई थी। चेहरा धूप में काला हो चुका था। परेशान था, गुस्से में था। उसके हाथ में कागज़ो का बंडल था। सारे कागज लॉकर मेरे टेबल पर पटक दिया और बोला वकील साहब मुझे एक फ्लैट पर stay चाहिए। कितना खर्चा लगेगा? मुझे बताओ। मैने कहा- भाई साहब बैठिए AC को मैने cool temperature पे कर दिया ताकि भाई साहब को ठंडक पहुंच जाए। ऑफिस बॉय को मैंने बुलाया और बोला इनको ठंडा पानी पिलाओ, शरबत पिलाओ भाई साहब को। भाई साहब आप चिंता मत कीजिए, आप का काम हो जायेगा। आप मुझे बताओ तो मुझे करना क्या है?
सारे पेपर उनसे लिए, आधे घंटे तक हमारी बातचीत हुई। मैं समझने की कोशिश कर रहा था, वे कहना क्या चाह रहे थे? उसके बाद मैंने उनसे हाथ जोड़कर नमस्कार किया और कहा कि 4 दिन बाद आईए। पेपर्स एक बार चेक कर लेता हु, क्या करना है? आपके केस को सुलझाने के लिए थोड़ा सा समय दीजिए। तीन-चार दिन बाद वो आदमी वापस आया।
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उसी गुस्से में, वही शक्ल, वही हाल में, मैंने कहा भाई साहब बैठिए, आज आप कुछ बोलना चाहेंगे, उससे पहले मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं। आप से जितनी मेरी बातचीत हुई, मैंने कागज़ देखें मुझे थोड़ा-थोड़ा समझ में आया और जो मुझे समझ में आया मैं आपको बस वो समझाना चाहता हूं। मैंने कहा कि भाई साहब आप और आपका छोटा भाई और बहन आप 3 सदस्य हैं अपने परिवार में। आपके मम्मी पापा बचपन में गुजर गए। मम्मी पापा के गुजर जाने के बाद, आप ही अपने घर के सबसे बड़े सदस्य थे। आपने अपने भाई और बहन का ख्याल बिलकुल मां-बाप की तरह रखा। अपनी बहन की अच्छी पढ़ाई लिखाई के बाद शादी करा दी और छोटे भाई के लिए तो जी जान एक कर दी। हर एक सांस उसके लिए लगा दी। आपने खुद 9वीं तक पढ़ाई की लेकिन भाई को आज आपने इंजीनियर बना दिया। आप बता रहे थे की बचपन में एक बार एक बैल नेे छोटे भाई में सिंह घुसा दिया था। भाई लहू लुहान हो गया था।
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आप कंधे पर ले कर के उसे 5 किलोमीटर दूर अस्पताल में गए क्योंकि गांव में अस्पताल नही था। आपने अपने भाई के लिए सब कुछ एक कर दिया, बहुत मेहनत की भूखे पेट रहे। तन पर आपके कपड़े नहीं रहेे लेकिन आपने अपने भाई के लिए कोई कमी नहीं आने दी। आपने अपना जीवन नेवछावर कर दिया। यहां तक के जब एक बार वो बीमार हो गया तो डॉक्टर ने कहा की किडनी चाहिए, तब आपने अपनी किडनी उसके लिए दान कर दी और कहा की तू ऑफिसर बन। तू बीमार ठीक नही लगेगा। मैं तो यहां गांव में रह कर खेती करूंगा। तू जा अपनी जिंदगी जी अच्छे से, पढ़ाई कर अच्छा अफसर बन। जब भाई ने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया तो सालाना 80,000 रूपए फीस थी, वो भी आपने चुकाई। भाई के लिए जो कुछ भी बन सकता था वो आपने किया। उसे कोई कमी नहीं आने दी। भाई जब इंजीनियर बना तो पूरे गांव में खाना खिलवाया। भाई ने कहा की मुझे इंजीनियरिंग कॉलेज में मुझे एक लड़की पसंद आई थी, भाई साहब मेरी उससे शादी करवा दो। आपने धूम धाम से उसकी शादी करवा दी। वही से भाई बदल गया।
भाई ने घर आना जाना बंद कर दिया, पैसे भेजना बंद कर दिया। कहा की शहर में बहुत खर्चा है, भाई तुम नही समझोगे और अभी हाल ही में उसने एक फ्लैट ले लिया है। जब आपने पूछा की पैसे कहा से आए तो कह रहा है की लोन लिया है। अब इस लोन को चुकाने के लिए कह रहा है की आधी खेत बेच दो। मुझे मेरा हिस्सा दे दो और इसी बात से आप खफा हो गए हैै। आप कह रहे है की मेरी जिंदगी में ये हिस्सा नाम का शब्द तो आया ही नहीं था और अब आप इसी गुस्से में अपने छोटे भाई के फ्लैट पर stay लगवाना चाहते है। भाई साहब ने कहा की बिलकुल ठीक कह रहे है, फिर वकील साहब ने कहा की थोड़ा और सुन लीजिए। मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हुु की आपका काम हो जायेगा। उस फ्लैट पर stay दिलवा दूंगा। यहां तक जो छोटे भाई ने प्रॉपर्टी खरीदी है, उसमे से हिस्सा भी मांग लूंगा। फिर वकील साहब ने उस आदमी से पूछा की भाई साहब मुझे बस इस सवाल का जवाब दीजिए की क्या वो किडनी वापस आ सकती है, जो आपने अपने भाई के लिए दान कर दी थी?
क्या वो लम्हा वापस आ पाएगा, जब आपने अपने छोटे भाई को कंधेे पर ले कर 5 किलोमीटर दूर अस्पताल गए थे, जब वो लहू लुहान था? क्या वो जिंदगी के पल, वो लम्हे वापस आ पाएंगे, जो आपने उसके लिए नेवछावर कर दिए? आपने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी, वो इस फ्लैट की कीमत के आगे तो कुछ भी नहीं है। आपने अनमोल समय अपने भाई को दे दिया। कहां आप इस कोट कचहरी के चक्कर में पड़ रहे है, इससे दूर रहिए। आपके भाई ने जो किया उसे भूल जाइए। वो गलत रास्ते पर चला गया है लेकिन आप उस रास्ते पर मत जाइए। आपका भाई सोच से भिखारी निकला लेकिन आप दिलदार थे, दिलदार रहिए। अपने बच्चो को पढ़ाइए लिखाइए। उनके लिए अपना जीवन नेवछावर कीजिए। हो सकता है की आपका भाई पढ़ाई लिखाई के बाद बिगड़ गया, संस्कार भूल गया लेकिन आपके बच्चे ऐसा नहीं करेंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हु। वकील साहब जब ये बोल रहे थे तो भाई साहब की आंखों से आंसूू छलक रहे थे लेकिन चाह कर के भी रोए नहीं। हाथ जोड़ा नमस्कार किया और कहा की धन्यवाद वकील साहब, मुझे समझाने के लिए।
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वकील साहब सोच रहे थे की जब वो बंदा वहा से चला गया तो मुझे लगा की शायद वो गुस्सा हो गया हैै। शायद नाराज हो गया है की ये वकील, जिसके पास मैं काम करवाने आया था, इसने मुझे ज्ञान दे दिया। वकील साहब को लगा की अब ये दूसरे वकील के पास जायेगा और अपना काम करवा लेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। साल बीत गए लेकिन कल अचानक से फिर वो आदमी वकील साहब के चैंबर में आया। सफेदी झलक रही थी। साथ में एक लड़का था। हाथ में मिठाई का डब्बा था और उसने मुझसे कहा की साहब आपका धन्यवाद हैै। वकील साहब ने कहा की मैने आपको पहचान लिया, आईए बैठिए। उस आदमी ने बोला की आज मैं बैठने नहीं आया हु, बल्कि आपको मिठाई खिलाने आया हु। जो बात आपने उस दिन कही थी की कोट कचहरी के चक्कर में मत पड़ो और भाई से बदला लेने के चक्कर में मत पड़ो, अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई के चक्कर में पड़ो। मेरा बच्चा आज डॉक्टर बन गया है और गांव में अस्पताल खोल दिया है। उसी की मिठाई खिलाने आया हु क्योंकि आप है इस मिठाई के असली हकदार और रही बात भाई की तो उसने भी मुझसे माफ़ी मांग ली है और मैने उसे माफ़ भी कर दिया है।
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ये छोटी सी कहानी बहुत इमोशनल है, मगर बहुत बड़ी बात सिखाती हैै। जीवन में गुस्सा सब कुछ बर्बाद कर सकता है और उसी गुस्से को आप सही दिशा में मोड़ दे तो आप अपनी और अपनों की जिंदगी संवार सकते है। अगर उसी गुस्से में वो बदले की भावना से काम करता तो वो आदमी बर्बाद हो जाता, उसका परिवार बर्बाद हो जाता। जिंदगी भर उसी आग में जल रहा होता लेकिन उसने अपने गुस्से को एक ऐसे दिशा में मोड़ा जहा अपने बच्चों की जिंदगी संवारने का मौका उसके पास था। याद रखियेगा जिंदगी में गुस्से को सही दिशा में मोड़ना बहुत जरूरी है।
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